Top Shodashi Secrets

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The Matrikas, or the letters of your Sanskrit alphabet, are viewed as the delicate sort of the Goddess, with Each and every letter holding divine electric power. When chanted, these letters Merge to type the Mantra, creating a spiritual resonance that aligns the devotee Together with the cosmic Strength of Tripura Sundari.

सर्वेषां ध्यानमात्रात्सवितुरुदरगा चोदयन्ती मनीषां

काञ्चीवासमनोरम्यां काञ्चीदामविभूषिताम् ।

The underground cavern incorporates a dome higher over, and barely obvious. Voices echo fantastically off The traditional stone in the walls. Devi sits within a pool of holy spring h2o by using a canopy excessive. A pujari guides devotees by way of the whole process of having to pay homage and acquiring darshan at this most sacred of tantric peethams.

The devotion to Goddess Shodashi is often a harmonious combination of the pursuit of beauty and The search for enlightenment.

ऐसा अधिकतर पाया गया है, ज्ञान और लक्ष्मी का मेल नहीं होता है। व्यक्ति ज्ञान प्राप्त कर लेता है, तो वह लक्ष्मी की पूर्ण कृपा प्राप्त नहीं कर सकता है और जहां लक्ष्मी का विशेष आवागमन रहता है, वहां व्यक्ति पूर्ण ज्ञान से वंचित रहता है। लेकिन त्रिपुर सुन्दरी की साधना जोकि श्री विद्या की भी साधना कही जाती है, इसके बारे में लिखा here गया है कि जो व्यक्ति पूर्ण एकाग्रचित्त होकर यह साधना सम्पन्न कर लेता है उसे शारीरिक रोग, मानसिक रोग और कहीं पर भी भय नहीं प्राप्त होता है। वह दरिद्रता के अथवा मृत्यु के वश में नहीं जाता है। वह व्यक्ति जीवन में पूर्ण रूप से धन, यश, आयु, भोग और मोक्ष को प्राप्त करता है।

The path to enlightenment is often depicted as an allegorical journey, Along with the Goddess serving since the emblem of supreme electric power and Power that propels the seeker from darkness to mild.

तरुणेन्दुनिभां वन्दे देवीं त्रिपुरसुन्दरीम् ॥२॥

हार्दं शोकातिरेकं शमयतु ललिताघीश्वरी पाशहस्ता ॥५॥

षोडशी महाविद्या : पढ़िये त्रिपुरसुंदरी स्तोत्र संस्कृत में – shodashi stotram

Goddess Lalita is worshipped through numerous rituals and tactics, including visiting her temples, attending darshans and jagratas, and accomplishing Sadhana for both worldly pleasures and liberation. Each individual Mahavidya, together with Lalita, has a particular Yantra and Mantra for worship.

यस्याः शक्तिप्ररोहादविरलममृतं विन्दते योगिवृन्दं

‘हे देव। जगन्नाथ। सृष्टि, स्थिति, प्रलय के स्वामी। आप परमात्मा हैं। सभी प्राणियों की गति हैं, आप ही सभी लोकों की गति हैं, जगत् के आधार हैं, विश्व के करण हैं, सर्वपूज्य हैं, आपके बिना मेरी कोई गति नहीं है। संसार में परम गुह्रा क्या वास्तु है?

श्री-चक्रं शरणं व्रजामि सततं सर्वेष्ट-सिद्धि-प्रदम् ॥१०॥

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